और चाहिए और चाहिए
और चाहिए और चाहिए
और चाहिए और चाहिए
तेरा जलाल हमे और चाहिए
अपनी कुवत में आ ,अपनी कुदरत में आ
अपनी रूह और जोर ओं जलाल में आ
तेरे रूह का मस्सा हमे और चाहिए
और चाहिए और चाहिए
रूह की मामुरी हमे और चाहिय
अपनी कुवत में आ ,अपनी कुदरत में आ
अपनी रूह और जोर ओं जलाल में आ
तेरे रूह का मस्सा हमे और चाहिए
और चाहिए और चाहिए
रूह का माहोल हमें और चाहिए
अपनी कुवत में आ ,अपनी कुदरत में आ
अपनी रूह और जोर ओं जलाल में आ
तेरे रूह का मस्सा हमे और चाहिए
शिफा की कुवत हमे और चाहिए,
तेरी ममुरी चाहिए,तेरा मोहोल चाहिए
तेरा जलाल चाहिए ,शिफा की कुवत चाहिए,
बंधन को तोड़े ऐसा जोर चाहिए
लहू का जोर चाहिए रूह की तलवार चाहिए
तेरे रूह का मस्सा हमे और चाहिए
Aur Chahiye
Aur Chahiye
Aur chahiye……x2
Tera Jalal Hume Aur Chahiye
Apni Kuvat Mein Aa, Apni Kudrat Mein Aa
Apni Rooh Aur Jor O Jalal Mein Aa
Tere Rooh Ka Massa Hume Aur Chahiye
Aur chahiye……x2
Rooh Ki Mamoori Hume Aur Chahiye
Apni Kuvat Mein Aa, Apni Kudrat Mein Aa
Apni Rooh Aur Jor O Jalal Mein Aa
Tere Rooh Ka Massa Hume Aur Chahiye
Aur chahiye……x2
Rooh Ka Mahol Hume Aur Chahiye
Apni Kuvat Mein Aa, Apni Kudrat Mein Aa
Apni Rooh Aur Jor O Jalal Mein Aa
Tere Rooh Ka Massa Hume Aur Chahiye