बोझ सबके गुनाह का उठाकर

बोझ सबके गुनाह का उठाकर

 

बोझ सबके गुनाह का उठाकर,
वो लिए जा रहा है…………….2
क्या खता थी हमारे मसीह की
जालिमोने जो उसको सजा दी

 

ठोक दी उसके हाथो में किले
किर भी येशुने उसको दुआ दी……..2

बोझ सबके गुनाह का उठाकर……….

 

ताज काटों का सर पर पहनाया
किस बेदर्दी से उसको सताया……..2
कैसे गिर जाता था येशु
क्यों खून उसका बहाया
बोझ सबके गुनाह का उठाकर…….

 

सूली पर था मसीह बेसहारा
उसके पसली में जब भाला मारा…….2
बेह चली थी लहू की जो धारा
है उसीमे सभीका कफारा
बोझ सबके गुनाह का उठाकर………..

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