मेरा येशु है मुझको भला
वोह ही काफी है सदा सर्वदा
(2)
दुःख में रोग में , हर मुसीबत में
मेरे मन वोह ही काफी है तुझे
(2)
कलवरी के पहाड़ पर चढ़ा ,
था मुकुट कांटों का सीर पर
(2)
मेरी वेदना सब दूर करके मुझे ,
नया जीवन प्रदान कर दिया
(2)
वो ही आदि वो ही अंत है ,
दिव्य प्रेम का वोही स्रोत है
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दस हज़ारों में , अतिश्रेष्ठ है वो
स्तुति वंदना के योग्य वो
(2)
जिंदगी का सफर है कठिन
आते हैं अवरोध पल-छीन
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दिन में मेघ-स्तम्भ ,रात्री अग्निस्तंभ
बनके राह चलाएगा मुझे
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मेरे दुखों का होगा दमन
आंसू पोछेगा जो आँख होगी नम
(2)
राजा बनके जब बादलों पर आएगा
मैं भी उड़ , उसके संग जाऊंगा
(2)
मेरा येशु है मुझको भला
वोह ही काफी है सदा सर्वदा
(2)
दुःख में रोग में , हर मुसीबत में
मेरे मन वोह ही काफी है तुझे
(2)
Mera Yeshu Hai Mujhko Bhala ,
Woh Hee Kaafi Hai Sada Sarvada
Dukh Men Rog Men , Har Musibat Men
Mere Man Woh Hee Kaafi Hai Mujhe
Kalvari Ke Pahad Par Chaddha
Tha Mukut Kanto Ka Sir Par
Meri Vedana Sab Dur Karke Mujhe
Naya Jivan Pradan Kar Diya
Woh Hee Aadi Woh Hee Ant Hai ,
Divya Prem Kaa Woh Hee Sroth Hai
Das Hajaron Men , Ati-Shreshtha Hai Wo ,
Stuti Vandana Ke Yogya Wo ,
Jindagi Ka Safar Hai Kathin ,
Aate Hain Avarodh Pal-chhin
Din Me Megh – Stambh , Ratri Agni-Stambh
Banke Raah Chalayega Mujhe
Mere Dukhon Ka Hoga Daman
Aansu Pochhega Jo Aankh Hogi Nam
Raaja Banke Jab Badalon Par Aayega
Main Bhee Ud , Usake Sang Jaaunga