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एक बार तू मसीहा का

 

एक बार तू मसीहा का, दीवाना बन के देख,
जल जा, उसी के प्यार में, दीवाना बन के देख।
एक बार तू मसीहा का, दीवाना बन के देख,

 

गर इश्क देखना है तो, सूली पे वार कर,
सच्चाई देखनी है तो, पसली पे कर नज़र,
कीलों से छेदे हाथ को नजराना बन के देख,
एक बार तू मसीहा का दीवाना बन के देख,
जल जा उसी के प्यार में परवाना बन के देख,
एक बार तू मसीहा का, दीवाना बन के देख।

 

जितनी पड़े मुसीबते, सर पे उठाए चल,
इल्जाम कोई लगाए तो, ढाए कोई सितम,
दीदार देखना है तो सब कुछ लुटा के चल,
एक बार तू मसीहा का परवाना बन के देख,
जल जा उसी के प्यार में दीवाना बन के देख।

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