दिल से आराधना करू मैं
दिल से, आराधना करू मैं
इस ज़ूबा से, नाम तेरा ही लू मैं
पुरे दिल से, आराधना करू मैं
इस ज़ूबा से, नाम तेरा ही लू मैं
करता हू तेरा शुक्रिया मैं प्रभु
करता हू तेरा शुक्रिया मैं – (4)
तेरे फ़ज़ल में, तेरी दया में
लिपटा मैं रहता हू – (2)
मैं रहता हू – (2)
जब होता हू, बेचैन कभी
तेरी रूह तब मुझको थामती है
मेरी मुश्किलो में,
हर एक दर्द और गम में
खुदवंद तू ही, मेरा शाफ़ी है – (2)
जब लेता हू, मैं नाम तेरा
तेरी समर्थ को तब मैं देखता हू
तुझसे मिली, हर बरकत मुझे
महफूज़ तेरे, संग मैं रहता हू –
Dil Se Aradhna Karoon Mai
Dil Se Aradhna Karoon Mai
Iss Jubaan Se Naam Tera Hi Lu Mai…2
Karta Hun Tera Sukriya Mai Prabhu..4
Tere Fazal Mein Teri Daya Mein
Lipta Mai Rehta Hun
Jab Hota Hu Bechain Kabhi
Teri Rooh Tab Mujhko Thaamti Hai
Meri Mushkilo Mein Har Ek Dard Aur Gam Mein
Khudavand Tu Hi Mera Shaafi Hai
Jab Leta Hu Mai Naam Tera
Teri Samarth Ko Tab Mai Dekhta Hu
Tujhse Mili, Har Barkat Mujhe
Mahfooz Tere Sang Mai Rehta Hun